बागेश्वर: ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक पहचान के प्रतीक उत्तरायणी मेले को भव्य, सुव्यवस्थित एवं आकर्षक बनाने के उद्देश्य से शुक्रवार को मुख्य विकास अधिकारी आर.सी. तिवारी ने विकास भवन में गूगल मीट के माध्यम से विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि 13 से 20 जनवरी तक आयोजित होने वाले इस मेले के दौरान किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।

बैठक में तोरण द्वारों की गुणवत्ता एवं डिजाइन पर विशेष जोर देते हुए सीडीओ ने निर्देशित किया कि सभी स्वागत द्वारों में एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए बैनर एवं फ्लैक्सी का डिजाइन समान रखा जाए। उन्होंने सजावट में प्लास्टिक के प्रयोग से बचते हुए केले के पत्ते, आम के पत्ते एवं प्राकृतिक फूलों के उपयोग के निर्देश दिए।

स्वागत द्वारों के निर्माण हेतु विभिन्न विभागों को दायित्व सौंपते हुए बताया गया कि राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग द्वारा ताकुला एवं कांडा रोड पर तोरण द्वार बनाए जाएंगे। पीएमजीएसवाई द्वारा कठायतबाड़ा क्षेत्र में गेट निर्माण की जिम्मेदारी निभाई जाएगी। लोक निर्माण विभाग पुलिस थाना बागेश्वर के समीप स्वागत द्वार तैयार करेगा, जबकि दुग बाजार के प्रवेश द्वार का दायित्व पेयजल निगम को सौंपा गया है। इसके अतिरिक्त जल संस्थान एवं सिंचाई विभाग द्वारा नुमाइशखेत के मुख्य एवं प्रदर्शनी गेटों का निर्माण किया जाएगा।

मेले के दौरान नुमाइशखेत में विभिन्न विभागों द्वारा कुल 33 स्टॉल लगाए जाएंगे। सीडीओ ने निर्देश दिए कि प्रत्येक स्टॉल में ग्रीन मैटिंग, समान रंग के पर्दे, उपयुक्त फर्नीचर, दो बल्ब तथा एक चार्जिंग प्वाइंट की व्यवस्था अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए। उन्होंने सभी अधिकारियों को समय रहते स्थलीय निरीक्षण कर सौंपे गए दायित्वों का गुणवत्तापूर्ण निर्वहन करने के निर्देश दिए।

बैठक में परियोजना निदेशक शिल्पी पंत, डीडीओ संगीता आर्या, अधिशासी अभियंता संजय भारती, ईओ विनोद सिंह जीना सहित अन्य विभागीय अधिकारी वर्चुअल माध्यम से उपस्थित रहे।

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